कुँवारी हिन्दी शायरी
Hindi.shayari
१: यही डर लग रहा है प्यार करके दिल न पछताए
मेरी नाज़ुक जवानी दर्द की दुनिया न बन जाय
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३: प्यार करना भी क्या कोई इल्ज़ाम है
नाम तो उलफ़त का फिर भी बदनाम है
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४: शीशी भरी गुलाब से पत्थर से तोर दूँ
तेरे हुस्न को देखकर घर वाली को छोर दूँ
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५: चदनी चाँद से होती सितारों से नहीं होती
मोहब्बत एक से होती हज़ारों से नहीं होती
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६: चाँदनी चाँद करता है सितारा नहीं
प्यार दिल वाला करता है आवारा नहीं
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७: फ़ानूस बनकर जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे
वो समा क्या मुझे जिसे रोसनी खुदा करे
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८: क़दम कैसे उठे काटो भरी है प्यार की रहे
कही बिखरे हुए आँसू कही बिखरी हुई आहें
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९: माना कि हमने आपको क़ातिल बना दिया
ख़ुद को निगाहे नाज़ का बिस्मिल दिया
१०: कोई न मीत अपना मतलब का प्यार है
मरधार में नाव करके कोई करता न पार है
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११: कर कमाई नेक बंदे मुक्त का खाना छोर दे
प्यार महँगा हो गया अब प्यार करना छोर दे
१२: तेरी बेमानी चापलूसी चल नहीं सकती
सारा जहाँ टले पर कजा तेरी टाल नहीं सकती
१३: आए थे तेरे डर पर क्या कर गए थे हम
तुमने चाह की औरों से क्या मर गए थे हम
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१: यही डर लग रहा है प्यार करके दिल न पछताए
मेरी नाज़ुक जवानी दर्द की दुनिया न बन जाय
Hindi.shayari
२: हमारे साये भी हमसे मकर चुरा बैठे
वफ़ा के नाम पर बेकार दिल लगा बैठेHindi.shayari
३: प्यार करना भी क्या कोई इल्ज़ाम है
नाम तो उलफ़त का फिर भी बदनाम है
Hindi.shayari
४: शीशी भरी गुलाब से पत्थर से तोर दूँ
तेरे हुस्न को देखकर घर वाली को छोर दूँ
Hindi.shayari
५: चदनी चाँद से होती सितारों से नहीं होती
मोहब्बत एक से होती हज़ारों से नहीं होती
Hindi.shayari
६: चाँदनी चाँद करता है सितारा नहीं
प्यार दिल वाला करता है आवारा नहीं
Hindi.shayari
७: फ़ानूस बनकर जिसकी हिफ़ाज़त हवा करे
वो समा क्या मुझे जिसे रोसनी खुदा करे
Hindi.shayari
८: क़दम कैसे उठे काटो भरी है प्यार की रहे
कही बिखरे हुए आँसू कही बिखरी हुई आहें
Hindi.shayari
९: माना कि हमने आपको क़ातिल बना दिया
ख़ुद को निगाहे नाज़ का बिस्मिल दिया
१०: कोई न मीत अपना मतलब का प्यार है
मरधार में नाव करके कोई करता न पार है
Hindi.shayari
११: कर कमाई नेक बंदे मुक्त का खाना छोर दे
प्यार महँगा हो गया अब प्यार करना छोर दे
१२: तेरी बेमानी चापलूसी चल नहीं सकती
सारा जहाँ टले पर कजा तेरी टाल नहीं सकती
१३: आए थे तेरे डर पर क्या कर गए थे हम
तुमने चाह की औरों से क्या मर गए थे हम
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