संगम नगरी में हुआ महा कुंभ मेले का आग़ाज़ 2025
मेले के बारे में कुछ जानकारी
कुंभ मेला 2025
विस्व का सहसे बढ़ा मेला कहे तो कुछ ग़लत नहीं होगा
यहाँ धन्य होने के लिए देश नहीं बल्कि विदेश से भी भरी तदात
में लोग आ रहे है हमारे देश का धार्मिक स्थान है इलाहाबाद
पूरी दुनिया जानती है कि यह हर चौथे वर्ष कुंभ का मेला बारी बारी से लगता है
यह केवल और यह 12 वर्षों के बाद इलाहाबाद, लगता है
देश के कोने कोने से लोग यहाँ स्नान करने के लिए यहाँ आते है
कहाँ कहाँ लगता है महा कुंभ मेला
उज्जैन में नर्मदा नदी के किनारे कुम्भ महोत्सव आयोजित होता है
इस बार मेला लगने जा रहा है संगम नगरी प्रयागरज इलाहाबाद में
जो सभी महाकुंभ स्थलों में से सबसे ख़ास माना जाता है
क्यों की प्रयागरज गंगा जमुना और स्वरसती तीनों नदियों का संगम स्थल
यानी त्रिवेणी में इस बार कुम्भ मेला लग गया है
2025 को मेला का आग़ाज़हो गया है
प्रयाग में क्यूँ ख़ास है कुम्भ
वैसे तो कुम्भ प्रयाग के अलावा उज्जैन,नासिक,हरिद्वार,में भी लगता
लेकिन ये महाकुंभ मेला है यह केवल इलाहाबाद में ही लागत है यहा पूरे word के लोग स्नान करने के लिए आते है यह 12 साल में एक बार लगता है
है लेकिन जितना महत्व प्रयागराज में है उतना कही नहीं
इसके पीछे त्रिवेढ़ी के तट पर कुम्भ का आयोजन होना तो एक कारण है ही
उड़के अलावा भी कुछ ख़ास है जो प्रयाग में कुम्भ को ख़ास बनता है
दरअसल माना जाता है प्रयागरज में कहा कुम्भ का आयोजन
होता है वही ब्रम्हाण्ड का उद्रम हुआ था और वही पर पृथ्वी का
केन्द्र भी है
माना जाता है की ब्रह्मांड बनाने से पहले ब्रह्म जी ने इसी स्थान पर
अश्वमेघ यज्ञ किया था इस यज्ञ के साबूत के तौर पर दश्वमेघ
घाट और ब्रामेस्वर मन्दिरयहाँ मौजूद है जिन्हें यज्ञ के प्रतीक के रूप में
देखा जाता है
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