आफ़सेट ओपरेटर सेटिंग Offset machine operator offset seting trips

फ़ोर कलर प्रीटिंग 

Offset machine operator
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फ़ोर कलर प्रिंटिंग उसको कहते है जो की फ़ोर कलर मिक्सिंग से प्रिंट 
होता है मतलब C.M.Y.K. सबको एक मशीन में अलग अलग यूनिट 
में डाल दिया जाता है फ़ोर कलर के साथ में फ़ोर प्लेट भी लगा दिया जाता 
है उसमें भी सब कलर का अलग अलग प्लेट होता है ध्यान रहे कि प्लेट 
को रोसनी नहीं लगाना चाहिए रोसनी या धूप लगने पर प्लेट ख़राब 
हो जाता है प्लेट को हमेशा संभाल कर इस्तेमाल करे उसके बाद इंक 
का सेटिंग किया जाता है I इंक का सेटिंग प्लेट को देखकर किया जाता 
है 

पेपर फ़ीटर सेटिंग

Offset machine operator

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सबसे ज़रूरी है पेपर की सेटिंग को जानना एवं समझना पेपर सेटिंग सब
मशीन में लगभग सेम ही होती है
सबसे पहली सेटिंग आपको करनी है पेपर कि पेपर आपका कटिंग मशीन
से कटिंग होकर डायरेक्ट आपके पास आएगा प्रीटिंग करने के लिए
आपको सनसे पहले आपको पेपर को देखना है कि पेपर का पेज को सीधा
एवं उलटा पेपर को दोनो साइड में देखना है कभी भी जिस साइड में प्रिंट
होना है उस साइड पेपर प्लेन एवं स्वोपट रहेगा दूसरी चीज़ आपको देखना
है कि पेपर कितना ग्राम का है अगर दो सो ग्राम से कम है तो तो ज़ाहिर
सी बात है की पेपर पतला है तो उसको आपको हवा मरने के बाद ही मशीन
मी लगाना है

क्यूँ मरना चाहिए हवा 

Offset machine operator

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ताकि मशीन चलते समय पेपर डबल ना जाए ए इसलिए
करना पढ़ता है कि कटिंग मशीन से पेपर जब कटिंग होता है तो प्रेशर की
वजह से पेपर आपस में चिपक जाते है 

फ़िटर सेटिंग 


Offset machine operator
इसमें सबसे मारुति है की आपका पेपर क्रॉस नहीं जाना चाहिए 
और वैक्यूम, एयर का सेटिंग सही होना चाहिए एवं डबल पेपर 
का सेटिंग अवस्य करे ताकि डबल पेपर जाने के बाद मशीन 
अटोमेटिक बंद हो जय ताकि मशीन को कोई नुक़सान ना हो 

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