सिंगल कलर मशीन से होने वाले फ़ायदे
printing pressआज हम बात करते है की सिंगल कलर ओफ़सेट मशीन से होने वाले
फ़ायदे
जैसा की आप लोग जानते है की ओफ़सेट मशीन एक एसी मशीन
है जो की पेपर प्रिंट करती है इसमें कई क्वालिटी होती है जैसे
वन कलर, टू कलर,फ़ोर कलर,फ़ाईफ कलर,सिक्स कलर,
एट कलर आदि
आज हम सिंगल कलर के बारे में जानते है सिंगल कलर मतलब
एक कलर
printing pressमशीन एक बार में एक ही कलर प्रिंट करेगी
जैसे बिल बुक, विज़िटिंग कार्ड,मेरिज कार्ड,आदि
इस मशीन की ख़ासियत यह है की इसमें सिंगल कलर के अलावा
फ़ोर कलर का भी काम कर सकते है बस केवल इतना ही परेशानी
होगी की जितना कलर का जॉब रहेगा उतनी बार मशीन में चलना होगा
कौन सा कलर ज़दा यूज होता है सिंगल कलर
मशीन में
printing press
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printing press |
printing pressसिंगल कलर मशीन में यूज होने वाले कलर सब स्पेशल कलर होते है
जैसे रेड, ओरेंज, ग्रीन, डार्क ब्लू, सिल्वर, गोल्ड, आदि
क्यूँ की सिंगल कलर जॉब में सब स्पेशल कलर ही यूज होता है
एसा नहीं है की आप दूसरा कलर नहीं यूज कर सकते हो आप कोई भी
कलर यूज कर सकते हो कोई प्रोब्लम नहीं होगा
बस इतना ही होगा की स्पेशल कलर पेपर के ऊपर उभर कर आता है
और दूसरा कलर चलने के बाद ओ कलर पेपर में छुप जाता है उसके बाद
प्रिंट अच्छा नहीं लगता इसके लिए ज़दातर स्पेशल कलर ही यूज किया
जाता है सिंगल कलर मशीन में
फ़ायदे
printing press
सिंगल कलर मशीन में और भी बहुत फ़ायदे है जैसे (ब्लैंकेट) ए वो सबसे महत्वपूर्ण
चीज़ है जो की पेपर प्रिंट करने में इसका सबसे अहम भूमिका होता है
एसकी क़ीमत की बात करे तो कोई फ़िक्स नहीं है क्यूँ की सिंगल कलर में भी
अलग अलग साइज़ की मशीन होती है तो इसका रेट भी साइज़ पर निर्भर है
printing press
और दूसरी बात यह भी है की साइज़ के अलावा यह अलग अलग कम्पनी का
आता है उसमें भी रेट अलग अलग होता है
इसरो बहुत सावधानी से यूज किया जाता है ए रबर का होता है ए प्लेट में चिपककर
चलता है और दूसरी तरफ़ दूसरे सिलेंडर में चिपककर चलता है जिस सिलेंडर में
चिपककर चलता है उसके बीच से पेपर निकलता है दोनो ओर से उसको प्रेस किया
जाता है तभी पेपर प्रिंट होता है
चीज़ है जो की पेपर प्रिंट करने में इसका सबसे अहम भूमिका होता है
एसकी क़ीमत की बात करे तो कोई फ़िक्स नहीं है क्यूँ की सिंगल कलर में भी
अलग अलग साइज़ की मशीन होती है तो इसका रेट भी साइज़ पर निर्भर है
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और दूसरी बात यह भी है की साइज़ के अलावा यह अलग अलग कम्पनी का
आता है उसमें भी रेट अलग अलग होता है
इसरो बहुत सावधानी से यूज किया जाता है ए रबर का होता है ए प्लेट में चिपककर
चलता है और दूसरी तरफ़ दूसरे सिलेंडर में चिपककर चलता है जिस सिलेंडर में
चिपककर चलता है उसके बीच से पेपर निकलता है दोनो ओर से उसको प्रेस किया
जाता है तभी पेपर प्रिंट होता है
ब्लैंकट को सुरक्षित कैसे रखे printing press
ए वो ब्लैंकट है जो रबर का होता है पेपर को ध्यान में रखकर इसका सेटिंग किया
जाता है जैसे पेपर मोटा पतला आता है 70 ग्राम से लेकर 500 तक चलता है इससे
ज़दा का भी चलता है ए मशीन के ऊपर दीपेंड करता है की मशीन किस साइज़ की
है इसी पेपर को ध्यान में रखकर इसका सेटिंग किया जाता है
अगर पतला पेपर है तो सेटिंग से उड़कर प्रेशर बढ़ना पढ़ेगा अगर पेपर मोटा है तो
प्रेशर को कम करना पढ़ता है
और पेपर पर भी ध्यान देने की ज़रूरत होती है जैसे की पेपर सीधा जाना चाहिए
पेपर क्रॉस नहीं जाना चाहिए और दूसरी बात है की डबल। पेपर नहीं जाना चाहिए
ए सब सावधानियाँ रखना चाहिए नहीं तो ब्लैंकट ख़राब होने के चांस ज़दा होते है
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और पेपर पर भी ध्यान देने की ज़रूरत होती है जैसे की पेपर सीधा जाना चाहिए
पेपर क्रॉस नहीं जाना चाहिए और दूसरी बात है की डबल। पेपर नहीं जाना चाहिए
ए सब सावधानियाँ रखना चाहिए नहीं तो ब्लैंकट ख़राब होने के चांस ज़दा होते है
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