महाकुंभ मेले का परिचय|mahakumbh mela Allahabad
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महाकुंभ 2025 |
महाकुंभ मेला जो भारत का सबसे बड़ा महाकुंभ और सांस्कृतिक मेला है,
जो प्रयागराज (इलाहाबाद) में संगम के पवित्र तट पर आगाज होता है। यह मेला पूरे 12 साल में एक बार आता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु, साधु-संत, तीर्थयात्री और पर्यटक नहाने के लिए आते हैं। महाकुंभ मेला धार्मिक आस्था, आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है।
महाकुंभ मेले में पब्लिक का आगमन
महाकुंभ मेले लगने के बाद, प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोग स्नान के लिए मेले में आते हैं।
रोजाना आने वाले लोगों की संख्या: विशेष स्नान केदिनों(जैसे मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी) पर 55 लाख से 1 करोड़ तक श्रद्धालु लगभग आते हैं। सामान्य दिनों में यह संख्या 10-20 लाख तक ही होती है
कुल आगमन: मेले के अंत तक करीब 10-15 करोड़ लोग लगभग स्नान कर लेते हैं।
आगमन के स्रोत: श्रद्धालु भारत के हर राज्य के कोने-कोने से और विदेशों से भी आते हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, और पंजाब जैसे राज्यों के साथ-साथ अमेरिका, यूरोप, और दक्षिण एशियाई देशों से भी लोग मेले में स्नान करने के लिए शामिल होते हैं
महाकुंभ मेला का आयोजन समय
महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार लगता है। इसे ज्योतिषीय गणना के आधार पर समय निर्धारित किया जाता है, जब सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति ग्रह एक विशेष स्थिति में आते हैं।
महाकुंभ मेले के बीच में 6 साल के बाद अर्धकुंभ मेला का आयोजन होता है।
इसके अलावा, हर 3 साल में हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयागराज में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
महाकुंभ मेले की प्रमुख खामियां
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महाकुंभ मेले का परिचय|mahakumbh mela Allahabad |
1. संगम स्नान का महत्व
गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करना मोक्ष प्राप्ति और पापों के विनाश का प्रतीक माना जाता है।
यह स्नान विशेष तिथियों पर अत्यधिक पवित्र माना जाता है
2. अखाड़ों का प्रदर्शन
अनेक प्रकार साधु-संतों के अखाड़े जैसे जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा इत्यादि अपनी आध्यात्मिक परंपराओं का प्रदर्शन करते हैं।
नागा साधु और तपस्वी महात्मा यहां अपने अनोखे जीवन दर्शन का परिचय देते हुए दिखाई देते है
3. धार्मिक प्रवचन और अनुष्ठान
पूरे मेले में आध्यत्मिक सत्संग, कथा, यज्ञ, और प्रवचन का आयोजन होता हुआ दिखाई देगा
विभिन्न गुरु, धर्मगुरु और संत अपनी शिक्षाओं को फैलाते हैं।
महाकुंभ मेले में आने वाले प्रमुख स्नान पर्व
1. मकर संक्रांति
2. पौष पूर्णिमा
3. मौनी अमावस्या
4. बसंत पंचमी
5. माघि पूर्णिमा
6. महा शिवरात्रि
महाकुंभ मेला 2025 का प्रमुख आयोजन
अगला महा कुम्भ मेला 2037 में प्रयागराज में आयोजित होगा
इसकी थीम मध्यत मुक्तकता और पर्यावरण संरक्षण होगा मेले
मे सरकार के तरफ से बेहतर सुविधा और सुरक्षा प्रदान की जाएगी
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