परिचय
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले की फूलपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभा पलिया आदाइ में भ्रष्टाचार के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, जो गरीब और जरूरतमंद लोगों को आवास प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है, वहां इसका लाभ पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुँच रहा है। ग्राम प्रधान संतरा देवी पर आरोप है कि वे इस योजना के तहत लाभार्थियों से ₹20,000 की रिश्वत मांग रही हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का मुख्य उद्देश्य है हर जरूरतमंद परिवार को घर उपलब्ध कराना। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले व्यक्तियों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को पक्का घर दिया जाता है। इस योजना को लागू करने में पारदर्शिता और निष्पक्षता बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन ग्राम सभा पलिया आदाइ में इसके ठीक उलट स्थिति है
भ्रष्टाचार का आरोप
ग्राम प्रधान संतरा देवी पर आरोप है कि वह पात्र लाभार्थियों से योजना का लाभ दिलाने के बदले ₹20,000 की मांग कर रही हैं। यह भ्रष्टाचार न केवल सरकारी योजनाओं के उद्देश्य को विफल कर रहा है, बल्कि जरूरतमंदों के सपनों पर भी कुठाराघात कर रहा है। शिकायतें हैं कि जिन लोगों ने रिश्वत नहीं दी, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिला।
ग्रामीणों की पीड़ा
गांव के कई निवासियों ने खुलासा किया कि वे अपनी आर्थिक स्थिति के कारण रिश्वत देने में सक्षम नहीं हैं। यह स्थिति उनके लिए दोहरी मार बन गई है – एक तरफ वे गरीबी से जूझ रहे हैं, और दूसरी तरफ सरकारी योजना से वंचित रह गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वे रिश्वत नहीं देंगे, तो उनका नाम लाभार्थियों की सूची में नहीं जोड़ा जाएगा।
प्रशासन की भूमिका
इस तरह के भ्रष्टाचार की घटनाएं प्रशासन और सरकार की छवि पर सवाल खड़ा करती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों को इस मामले की जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह स्थिति सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति सहनशीलता को दर्शाती है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत
इस मामले में ग्रामीणों को संगठित होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। शिकायतों को जिला स्तर के अधिकारियों और भ्रष्टाचार-रोधी एजेंसियों तक पहुंचाना आवश्यक है। साथ ही, सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को उजागर करना एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
निष्कर्ष
ग्राम सभा पलिया आदाइ में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह न केवल जरूरतमंदों के अधिकारों का हनन है, बल्कि सरकारी योजनाओं के उद्देश्यों को भी धूमिल करता है। प्रशासन को इस मामले में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।