AI ने फिर बढ़ाई टेंशन, पासवर्ड चुराने के लिए हैकर्स कर सकते है इस Ai का उपयोग

अगर इस Ai मॉडल को चुपके से किसी भी साइट या किसी के लैपटॉप में इंस्टॉल कर दिया जाए तो ये कीबोर्ड की आवाज के द्वारा हर वह बात रिकॉर्ड कर सकता है जिसे आप टाइप करेंगे। तो आइये आज इस Ai मॉडल के बारे मे विस्तार से जानते है

एक तरफ AI की यह क्षमता लोगो को आकर्षित कर रहा है। तो वही दूसरे तरफ AI शोधकर्ताओं के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है की AI टूल आपके टाइपिंग वाले कीबोर्ड के साउंड से पासवर्ड या पैटर्न का पता लगा सकता है।इसकी सटीकता 95% तक आंकी गई है।आसान भाषा में कहें तो शोधकर्ताओं ने अपने लिए ही मुसीबत मोल ले ली है।

AI से जुड़ी रिपोर्ट

अपनी एक रिपोर्ट में ब्लीपिंगकंप्यूटर ने कहा की ब्रिटिश विश्वविद्यालय के कुछ रीसर्चर ने लैपटॉप और पीसी के माइक्रोफोन से कीस्ट्रोक्स को समझने के लिए और ध्वनि को पहचानने के लिए AI मॉडल तैयार किया है।

रिपोर्ट की माने तो जब रीसर्चर ने जूम और स्काइप जैसे एप्स पर एल्गोरिदम का उपयोग किया तो 91.7% से 93% तक सटीकता दर रहा है अब भविष्य में इस लर्निंग मॉडल का इस्तेमाल हैकर्स लोगों के सिस्टम को हैक करने और डाटा चोरी में कर सकते हैं।

जब एपल मैकबुक पर 36 कीज को 25 बार दबाया गया, जिससे उन्हें एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए डाटा कैप्चर करने में मदद मिली। मैकबुक से 17 सेमी दूर रखे गए कीस्ट्रोक्स से ऑडियो प्राप्त करने के लिए उन्होंने आईफोन 13 मिनी का उपयोग किया।

जब उन्होंने CoAtNet नाम की एक इमेज क्लासिफायरियर को ट्रेंनिंग देने के लिए साउंड डाटा का उपयोग किया जो रिकॉर्ड की गई आवाज के आधार पर दबाई गए कीज का अनुमान लगाने में सक्षम रहा। वही इस Ai मॉडल को लेकर चिंता जताई जा रही है कहा जा रहा है की अगर इसे किसी भी साइट या किसी के लैपटॉप में इंस्टॉल कर दिया जाए तो यह कीबोर्ड की आवाज के आधार पर वो हर बात रिकॉर्ड कर सकता है जिसे आप टाइप करेंगे।

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